श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti lyrics)

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Shri Ganesh Aarti lyrics

श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti lyrics): गणपति बप्पा मोरया!

गणेश जी की आरती उनके भक्तों के लिए प्रिय है। यह आरती गणेश चतुर्थी और अन्य गणेश उत्सवों में विशेष रूप से गाई जाती है। गणपति बप्पा की आरती के गाने से उनके भक्तों को महसूस होता है कि उनके गणपति उनके पास हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। यहां हम श्री गणेश आरती के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

आरती का अर्थ होता है ‘दीप पूजन’ या ‘दीप से पूजन’। गणेश जी की आरती के दौरान, भक्त गणेश जी के समक्ष दीपक जलाते हैं, पुष्प चढ़ाते हैं और गाते हैं। इससे उनकी पूजा में एक अद्वितीय स्वरूप समाहित होता है।

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

—– Additional —–
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अर्थ:

  • जय गणेश देवा की आरती उनकी महिमा का गान करती है। इस आरती के गाने से भक्तों को गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।
  • गणेश जी के चारों हाथों में अलग-अलग वस्त्र होते हैं, जो उनकी शक्तियों को प्रकट करते हैं।
  • उनके माथे पर सिंदूर की रेखा और गणेश जी की सवारी मूषक (चूहा) होती है।
  • उनका वाहन हाथी होता है, जिसके ऊपर राजत (चांदी) का सजा होता है। हाथी की कानों पर चंदन की माला सजी होती है और उसकी नासिका मृगमद (सुगंधित धान) से सुगंधित होती है।
  • यह आरती गणेश जी की महत्ता को स्थापित करती है और उनके भक्तों को उनकी प्राप्तियों की कामना करती है।

इस रूप में, गणेश जी की आरती उनके भक्तों के द्वारा उनकी पूजा का एक महत्त्वपूर्ण तरीका है। यह आरती गणपति बप्पा को समर्पित की जाती है और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का माध्यम होती है। गणेश जी की आरती के गाने से भक्तों को आनंद, शांति और संतोष की अनुभूति होती है।

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